ख़ामोश तन्हाइयों से निकल, किसी भीड़ में खो जाना
अच्छा लगता है कभी-कभी भीड़ का हिस्सा हो जाना
भूल कर अपने आज को, बीती गलियों में मंडराना
अच्छा लगता है कभी-कभी पुरानी यादों में खो जाना
शब्दों में बयां किए बगैर, दिल के एहसासों को जताना
अच्छा लगता है कभी-कभी मुस्कुरा के खामोश हो जाना
बेमतलब बेईरादतन बार-बार यूँ हीं मुस्कुराना
अच्छा लगता है कभी-कभी अंजाने ख्यालों में खो जाना
दुनिया के कायदों, अपने उसूलों को तार-तार करना
अच्छा लगता है कभी-कभी बन्धनों से आज़ाद हो जाना
शब्दों में बयां किए बगैर, दिल के एहसासों को जताना
जवाब देंहटाएंअच्छा लगता है कभी-कभी मुस्कुरा के खामोश हो जाना
बहुत खुबसूरत पंक्तियाँ !
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new post हाइगा -जानवर
सुन्दर लेखन!
जवाब देंहटाएंऔर मुझे अच्छी लगी आपकी यह रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
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