यह जीवन खिलखिलाता सवेरा ,
मौत है एक गहरा अँधेरा |
अभी सवेरा है कुछ काम कर लो ,
फिर अँधेरे में तो सोना हीं है |
दुनिया के नजारों से कुछ सिख लो,
अंधेरों में फिर इन्हें खोना हीं है |
यूँ मूंद कर लोचन, दिन में सो जाओ मत,
रात होने के पूर्व अँधेरा जीवन में लाओ मत|
आशा खोकर जो लोग निराशा में जीते हैं ,
अंधेरों में लिपट गम का विष वही पीते हैं|
कुछ लोग जो कड़ी धूप को सहते हैं,
शीतल वर्षा बूंदों का मज़ा वही लेते हैं|
धूप से डरकर, जो घर में सो जाते हैं,
वर्षा बूंदों से अन्जान वही रह जाते हैं |
पहले कडवी निबोरी चख कर तो देखो,
फिर आम की मिठास और बढ़ जाती है|
मुश्किलों को गले लगा कर तो देखो ,
सफलता की खुशी दुनी हो जाती है |
तू कुछ करे, न करे, इस दिन को ढल जाना है,
चाहे तू या न चाहे, मौत के आगोश में जाना है|
मौत के भय से जीना तुम छोड़ो नहीं ,
मुश्किलों से डर साफलता से मुंह मोड़ो नहीं|
उजाला है चल निरंतर ,
तू मंजिल पा जायेगा |
जब छाएगा घोर तिमिर,
मंजिल क्या तू भी विलीन हो जायेगा|
तू खड़ा अब क्या सोच रहा ?
वह देख तिमिर छाने को है |
सदुपयोग करले जीवन का ,
यह दिवस न फिर आने को है|
मौत है एक गहरा अँधेरा |
अभी सवेरा है कुछ काम कर लो ,
फिर अँधेरे में तो सोना हीं है |
दुनिया के नजारों से कुछ सिख लो,
अंधेरों में फिर इन्हें खोना हीं है |
यूँ मूंद कर लोचन, दिन में सो जाओ मत,
रात होने के पूर्व अँधेरा जीवन में लाओ मत|
आशा खोकर जो लोग निराशा में जीते हैं ,
अंधेरों में लिपट गम का विष वही पीते हैं|
कुछ लोग जो कड़ी धूप को सहते हैं,
शीतल वर्षा बूंदों का मज़ा वही लेते हैं|
धूप से डरकर, जो घर में सो जाते हैं,
वर्षा बूंदों से अन्जान वही रह जाते हैं |
पहले कडवी निबोरी चख कर तो देखो,
फिर आम की मिठास और बढ़ जाती है|
मुश्किलों को गले लगा कर तो देखो ,
सफलता की खुशी दुनी हो जाती है |
तू कुछ करे, न करे, इस दिन को ढल जाना है,
चाहे तू या न चाहे, मौत के आगोश में जाना है|
मौत के भय से जीना तुम छोड़ो नहीं ,
मुश्किलों से डर साफलता से मुंह मोड़ो नहीं|
उजाला है चल निरंतर ,
तू मंजिल पा जायेगा |
जब छाएगा घोर तिमिर,
मंजिल क्या तू भी विलीन हो जायेगा|
तू खड़ा अब क्या सोच रहा ?
वह देख तिमिर छाने को है |
सदुपयोग करले जीवन का ,
यह दिवस न फिर आने को है|
achchhi rachana
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग में ...SMS की दुनिया
Bahut sunder ..... Akhiri panktiyan bemisal hain....
जवाब देंहटाएंAmar jeet ji Monika ji Dhanyawaad
जवाब देंहटाएंप्रेरणादायक रचना ..
जवाब देंहटाएंDhanyawaad sangeeta ji
जवाब देंहटाएंआपने तो बहुत सुन्दर लिखा..बधाई.
जवाब देंहटाएं______________
'पाखी की दुनिया' में छोटी बहना के साथ मस्ती और मेरी नई ड्रेस
alokita..........aap bahut pyara likhte ho.......aur prernadayak bhi.......!!
जवाब देंहटाएंachchha laga........!!
aise hi jeeven me bhi positive rahna....:)
आप का जीवन सवेरा बहुत प्रेरणा दायक कविता है !आप के ब्लोग पर आ कर बहुत अच्छा लगा ! मैं आप को फ़ोलो कर रह हूं ! कृप्या म्रेरे ब्लोग पर आ कर फ़ोलो करें व मर्ग प्रशस्त करे !
जवाब देंहटाएंAkshita ji, Mukesh ji, Jagdish ji Dhanyawaad
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव युक्त कविता
जवाब देंहटाएंतारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
sundar rachna!
जवाब देंहटाएंDhanyawaad Sanjay Bhaiya
जवाब देंहटाएंsukriya Anupma ji