अक्सर जब हम बेखबर से सोते हैं, कई सपने दस्तक देते हैं | कुछ हमे डरा देते हैं,कुछ हँसा देते हैं तो कुछ रुला भी देते हैं | उठते ही सभी विलुप्त हो जाते हैं | क्या वाकई ये सपने हीं होते हैं ? नहीं ये भ्रम होते हैं | सपने तो जीवित होते हैं और हमे भी जीवित रखते हैं |सपने वे होते हैं जो सोये हुए इंसान को भी जागृत रखते हैं, सजग रखते हैं |सपने वही होते हैं जो जिन्दगी की आसमां पर अमावास की काली रात के होते हुए भी ध्रुव की तरह अटल जगमगाते रहते हैं | जब घनघोर अँधेरे की वजह से कुछ नज़र नहीं आता उस वक़्त भी स्वप्न परिंदे अपनी सप्तरंगी छवि से हमे लुभाते रहते हैं | इन्हें देखने के लिए किसी भी रौशनी की आवश्यकता नहीं न सूर्य की रौशनी और न आँखों की |
ये स्वप्न परिंदे बेक़रार रहते हैं हमारे पास आने के लिए पर फिर भी उड़ते जाते हैं और हम उनके पीछे दौड़ते रहते हैं उन्हें पकड़ने के लिए | सच पूछो तो ये सपने हीं हमे गतिशील रखते हैं | आँखों में कोई सपना न हो तो इंसान ठहर जाता है | जब हम अपनी मेहनत का तिनका तिनका जोड़ कर उस स्वप्न परिंदे के रहने योग्य नीड़ तैयार कर लेते हैं तो वह स्वतः हीं आकर उसे अपना बसेरा बना लेता है |
बिलकुल सही कहा आलोकिता जी..
जवाब देंहटाएंसपने ही हैं जो हमें जीने को, हमेशा आगे बढते रहने को प्रेरित करते हैं... शुभकामनाएं...
सतरंगी स्वप्नों की सुंदर दुनिया ..... ' जो सोये इंसान को भी जागृत रखते हैं...'
जवाब देंहटाएंसपने। इंसान जब जागता रहता है तब तो उसके मन में कई तरह के ख्याल आते हैं और वह कई दुविधाओं में फंसा रहता है लेकिन सपने उसे सोते हालत में भी जागृत रखते हुए भविष्य की योजनाओं के लिए प्रेरित करते हैं। किसी ने सच ही कहा है, सपने देखना चाहिए क्योंकि सपने देखने पर ही उसे पूरा करने की ललक इंसान में पैदा होती है। भडास में आपके ब्लाग का लिंक देखकर उसमें क्लिक किया और एक अच्छे पोस्ट से सामना हो गया, बधाई हो आपको।
जवाब देंहटाएंatulshrivastavaa.blogspot.com
बहुत सुन्दर बात कही …………।सपने ना हो तो जीवन ठहर जाये।
जवाब देंहटाएंकिसीने कहा है- सपने वो नहीं जो नींद में आए, सपने वो जो नींद उड़ा दे.
जवाब देंहटाएं@ vandana ji ne bilkul sahi kaha
जवाब देंहटाएंसपने ना हो तो जीवन ठहर जाये।
सपने अपने ही हैं
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