बड़ा नादान है दिल
ये हँसना चाहता है
बड़ी मुस्किल है राहें
ये चलना चाहता है
बड़ी प्यारी है मंजिल
जो पाना चाहता है
सभी रोके हैं राहें
ये उड़ना चाहता है
है ये आँसु का दरिया
उबरना चाहता है
बीत चुके जो मंज़र
भुलाना चाहता है
बड़ा नादान है दिल
धड़कना चाहता है
बंधन हैं लाखों
हटाना चाहता है
तितली में रंग जितने
चुराना चाहता है
खुशी के गीत प्यारे
ये गाना चाहता है
नीला है जो अम्बर
ये छूना चाहता है
टिमटिमाता तारा
बनना चाहता है
आँखों में उमड़े जो आँसु
छिपाना चाहता है
बड़ा नादान है दिल
ये हँसना चाहता है
इससे रूठी जो खुशियाँ
मानना चाहता है
पूरा दरिया नहीं तो
कतरा चाहता है
गिरते हुओं को
उठाना चाहता है
जो भी दुखी हैं उनको
हँसाना चाहता है
छुटा है सबसे पीछे
बढ़ना चाहता है
ये हँसना चाहता है
बड़ा नादान है दिल
अरे वाह!
जवाब देंहटाएंदिल की बात भी कविता में कह दी!
ye nadan dil jo kahta hai, wahi karo..:)
जवाब देंहटाएंbe happy alokita...........bahut khub..
बहुत प्रेरक और भावपूर्ण प्रस्तुति..बहुत सुन्दर हैं आपके दिल की भावनायें..
जवाब देंहटाएंअच्छा बढ़िया लिखा है.
जवाब देंहटाएंदिल पर बहुत सी कविताएं है ...अभी और लिखी जायेगी ..क्योकि दिल अभी तो बच्चा है जी
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंक्या बात है, हर एक शब्द जैसे दिल को छू गये , बढियां लिखती हैं आप , भाव मयी प्रस्तुति के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएंदिल तो ये सारी चीज़े चाहता ही है. आखिर दिल जो ठहरा. मगर दिमाग उसको पूरा होने दे तो ना. ऐसा हो तब बात बने....
जवाब देंहटाएंदिल को
जवाब देंहटाएंइस तरह से
उड़ान भरते देखकर
बहुत अच्छा लगा!
अलोकिता ब्लाग बहुत सुन्दर है। उसी तरह तुम्हारा दिल भी।बस ऊँची उडान भरने के लिये साहस और स्वाभिमान साथ रखना फिर कुछ भी मुश्किल नही। बहुत बहुत शुभकामनायें नाम की तरह तुम्हारा जीवन भी खुशियों से आलोकित रहे
जवाब देंहटाएंmat roko
जवाब देंहटाएंudhne do use
anant kshitij par
besakhta
anwarat
उड़ने दो दिल-ए-नादाँ को
जवाब देंहटाएंखोने दो इसे सपनो में
विचरने दो कल्पनाओं में
यकीं है एक दिन
सच होंगी कल्पनाएँ
और रंग भरेंगे सपनों में