रविवार, 8 मार्च 2015

लप्रेक 1

देखो न !  2 मिनट वाले फ़ास्ट फ़ूड की तरह दौर-ए-लप्रेक (लघु प्रेम कथा) चल पड़ा है। दौर बदलता चला जाए और मैं कहीं पीछे न छूट जाऊँ.....सोचकर मैं भी लिखने बैठ गई। सालों में पनपी और गहराई किसी की प्रेम कहानी को लेकिन चंद पंक्तियों में कैसे बयां कर दूँ ? हाँ! अपने दिल का हाल कहना हो तो तुम्हारा नाम लिख देती हूँ! लप्रेक की तरह तीन अक्षरों के तुम्हारे नाम में तो प्रेम का पूरा समंदर भरा है। या फिर तुम्हें ऐतराज़ न हो तो प्रेम की तरह, तुम्हारे pet name के ढाई अक्षर लिख कर हीं लोगों को लप्रेक सुना दूँ शोना !?!





आlokita

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