क्या है सबसे सुन्दर जग में ?
क्या है सबसे कुरूप ?
मन है सबसे सुन्दर जग में |
मन है सबसे कुरूप |
तन का क्या है, आज है गोरा
कल काला हो सकता है
काले को भी गोरे में बदला जा सकता है
मेरी बात पर ज़रा गौर फरमाना
इस शरीर को है एक दिन मर जाना
मरने के बाद भी सुन्दर मन को याद करेगा जमाना
(बहुत पहले मतलब बचपन में लिखी थी ये कविता, पर आज भी मुझे बेमानी नहीं लगी तो सोचा आप लोगों की भी प्रतिक्रिया देख लूँ )
man hai sabse sunder ....bilkul satya ....
जवाब देंहटाएंdher sari subhkaamnaye ....aapki lekhni nirantar chalti rahe ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर पंक्तियां !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंसत्य कहा आप ने . मन ही है जो मृत्यु के बाद भी साथ रहता है और यही हमारी मूल प्रवत्तियो को संचित रखता है . यदि मन स्वच्छ है तो फिर उस से सुन्दर और कुछ हो ही नही सकता है .
जवाब देंहटाएं(मन का यहाँ व्यापक अर्थ में प्रयोग हुआ है)
Thanks Sanjay ji
जवाब देंहटाएं@Bali sir
जवाब देंहटाएं@udan tashtari ji
@Abhishek ji
Thanks
Merry Christmas
जवाब देंहटाएंhope this christmas will bring happiness for you and your family.
Lyrics Mantra
मेरे विचार से सुंदर यह है
जवाब देंहटाएंबचपन मे भी बहुत ही उन्नत भाव थे…………सुन्दर विचार्।
जवाब देंहटाएंसच है सूरत से ज्यादा सीरत याद रखी जाती है ...
जवाब देंहटाएंजग में सुन्दर है दो नाम्… अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"
जवाब देंहटाएं@Harman ji
जवाब देंहटाएं@unmukt ji
@vandana ji
@Sangeeta ji
@ khabron ki dunia ji
aap sabhi logon ka tahe dil se shukriya
आज भी आपको बेमानी नहीं लगती इसका मतलब है कि आप का मन बच्चे सा सुंदर है।
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव, सुन्दर कविता.
जवाब देंहटाएं@ Devendra ji
जवाब देंहटाएं@ Sushil ji
Thanks
sunder wo jiske baaton se man ko prasannata mile..:):)
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