गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

हे साईं तुझपे मैं कल्पना समर्पित करती हूँ 
हे बाबा तुझको एक रचना अर्पित करती हूँ 
हे नाथ इसे  स्वीकार करो 
हे साईं इसे  स्वीकार करो 
हे साईं तेरे चरणों  में  अश्रुधार  अर्पित करती हूँ 
हे दयावान तेरी दया पे  मुस्कान  समर्पित करती हूँ 
हे साईं इसे  स्वीकार करो 
हे नाथ इसे  स्वीकार करो 
हे प्रभु तुझको मन का हर भाव अर्पित करती हूँ 
हे दाता तेरी मुस्कान पे संसार समर्पित करती हूँ 
हे नाथ इसे  स्वीकार करो 
हे साईं इसे  स्वीकार करो 
मेरा अर्पण है कुछ भी नहीं फिर भी हे साईं ग्रहण करो 
मेरा समर्पण है कुछ भी नहीं फिर भी हे साईं ग्रहण करो 
हे साईं इसे  स्वीकार करो 
हे नाथ इसे  स्वीकार करो 

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर समर्पित साईमयी प्रस्तुति..

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  2. खुबसूरत रचना सीधी सादी भक्तिपूर्ण अच्छी लगी

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  3. सुन्दर भक्तिपूर्ण रचना..जय साईं नाथ..

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  4. भक्ति में समर्पण की भावना भरती अच्छी रचना

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  5. सुंदर रचना है... आत्मा का परमात्मा से मिलन ...
    भक्ति भाव से समर्पित..

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  6. 'परम पिता परम ब्रम्‍हा राजाधिराज योगीराज महाराज श्री सच्चिदानंद साईं नाथ महाराज की जय'
    साईं भक्ति को समर्पित एक अच्‍छी रचना। आपको बधाई हो। आपने साईं की महिमा को लेकर एक अच्‍छी रचना पढने का अवसर दिया इसलिए धन्‍यवाद भी।

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  7. ओम साईं नाथाय नम:………बहुत सुन्दर भाव्।

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  8. .सुन्दर भक्तिपूर्ण रचना.ओम साईं नाथाय नम!

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