सोमवार, 20 दिसंबर 2010

सौर्य परिवार



















यूँ तो दुनिया में है अनेको परिवार ,
पर एक परिवार पर बसा है यह संसार |
नाम है जिसका सौर्य परिवार |

हर परिवार की तरह इसमें भी है एक पिता ,
पर न जाने गुम हो गयी है कहाँ माता |
पिता के हैं नौ प्यारे प्यारे बच्चे ,
सभी के सभी बहुत सच्चे और  अच्छे |
पिता को छोड़ कर कहीं नहीं है जातें |

यूँ तो मिली सबको एक परवरिश ,
पर धरती में है कुछ गुण औरों से हटके ,
तभी तो हम करोडो जीव आकर इससे चिपके |

काश ऐसा कुछ हमारे घरों में भी होता, 
सबसे बलवान हमेशा रहता पिता | 
बच्चे होते उनके भी प्यारे , 
बुढ़ापे में न लात मारें |

16 टिप्‍पणियां:

  1. prakrati ke manviyekaran ke madhayam se ek bahut hi achchha sandesh diya hai aapne .hum sabhi ko mata-pita ka samman karna chahiye .

    जवाब देंहटाएं
  2. bahut khoob alokita......bahut hi badhiya likh hai ....keep writing.....all the best

    जवाब देंहटाएं
  3. Thanks a lot aapko meri rachna padhna acha lagta hai aur mujhe aapke comments

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह .. आपने तो poore bhramhaand को ek sootr में piro दिया .... शब्दों में utaar liya ... .

    जवाब देंहटाएं
  5. :) good one... message bhi de diya last me... samrt !
    par ninth bete ko to nikal diya hai na pariwar se aajkal... so sad..! :)

    जवाब देंहटाएं
  6. Rashmi ji sabdon mein kya rakha hai main bhawnaon ko dekhti hun smart ho ya samrt
    Thanks

    जवाब देंहटाएं