उन्हें कभी एकमत
होते नहीं देखा था
उस दिन जब वह
जन्मी थी
कुछ जोड़े नयन
सजल थे
कुछ की आँखें
चमक रही थी
कोई आश्चर्य नहीं था
क्यूंकि
उन्हें कभी एकमत
होते नहीं देखा था
पर एक आश्चर्य
उस दिन सबने
सुर मिलाया
शुभचिंतकों ने ढाँढस
दुश्चिन्तकों ने व्यंग्य कसा
बधाई हो
घर में लक्ष्मी आई है