आज 2 दिसम्बर, मेरा जन्मदिन है | मुझे जन्म मेरे मम्मी पापा ने दिया है, आज उन्ही की वजह से मैं इस दूनिया में हूँ अतः उन दोनों को ही अपनी रचना समर्पित करती हूँ |
माँ
माँ तो एक पहेली है |
कभी ममतामई |
तो कभी गुस्से वाली है |
सख्त होती कभी इतनी,
कि चट्टान भी धरासाई हो जाए |
नर्म हो जाती कभी इतनी ,
गुलाब की पंखुड़ी भी सख्त पड़ जाए |
घर की आधारशीला हैं वो ,
बच्चों की भाग्य विधाता भी |
गंगा की निर्मल धारा है ,
कभी उसका रूप ज्वाला है |
इस अंधियारे जग में वही तो एक उजाला है |
माँ तो एक पहेली है |
कभी ममतामई |
तो कभी गुस्सेवाली है |
पिता
माँ की सहृदयता को सबने जाना
पिता को किसी ने नहीं पहचाना
माँ अगर है जन्मदाता
तो पिता भी हैं पालनकर्ता
पिता की कठोरता में हीं तो है कोमलता
गुलाब की रक्षा काटा हीं तो है करता
यह कठोर दाँत न हो अगर भोजन कौन चबायेगा ?
काम करने क लिए उर्जा शरीर कँहा से पायेगा ?
होते हैं नारियल जैसे पिता
अन्दर से कोमल ऊपर झलकती कठोरता
पिता तो एक छाते से होते हैं
इस दूनिया की धूप पानी से हमे बचाते हैं
पिता के प्यार कुर्बानी आदि को हम झुठला नहीं सकते
जिन्दगी में उनकी अहमियत को भुला नहीं सकते
माँ
माँ तो एक पहेली है |
कभी ममतामई |
तो कभी गुस्से वाली है |
सख्त होती कभी इतनी,
कि चट्टान भी धरासाई हो जाए |
नर्म हो जाती कभी इतनी ,
गुलाब की पंखुड़ी भी सख्त पड़ जाए |
घर की आधारशीला हैं वो ,
बच्चों की भाग्य विधाता भी |
गंगा की निर्मल धारा है ,
कभी उसका रूप ज्वाला है |
इस अंधियारे जग में वही तो एक उजाला है |
माँ तो एक पहेली है |
कभी ममतामई |
तो कभी गुस्सेवाली है |
पिता
माँ की सहृदयता को सबने जाना
पिता को किसी ने नहीं पहचाना
माँ अगर है जन्मदाता
तो पिता भी हैं पालनकर्ता
पिता की कठोरता में हीं तो है कोमलता
गुलाब की रक्षा काटा हीं तो है करता
यह कठोर दाँत न हो अगर भोजन कौन चबायेगा ?
काम करने क लिए उर्जा शरीर कँहा से पायेगा ?
होते हैं नारियल जैसे पिता
अन्दर से कोमल ऊपर झलकती कठोरता
पिता तो एक छाते से होते हैं
इस दूनिया की धूप पानी से हमे बचाते हैं
पिता के प्यार कुर्बानी आदि को हम झुठला नहीं सकते
जिन्दगी में उनकी अहमियत को भुला नहीं सकते
जन्मदिन मुबारक हो अलोकिता
जवाब देंहटाएंthanks sir
जवाब देंहटाएंमाँ बाप के बारे में क्या कहाँ जा सकता है, जितना कहो, कम ही लगता है.
जवाब देंहटाएंरचना अच्छी है, थोड़ी मात्राओं का भी ख्याल रखे, बाकी सब बढिया है.
जन्मदिन की शुभकामनाएँ , लिखते रहिये ....
dhanyawaad sir
जवाब देंहटाएंदेर से ही सही हमारी शुभकामनाये आपके साथ है ।
जवाब देंहटाएंसब कुछ पाया है जिससे,
उसको भला क्या दे हम ।
जिसका मै हूँ अंश अभिन्न ,
कैसे करू उसका अभिनन्दन ॥
आपका आने वाला जीवन सफलताओं से पूर्ण हो ।
bahut bahut dhanyawaad aparna ji
जवाब देंहटाएंजन्म दिन की बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत ही हृदयस्पर्शी कविता लिखी है आपने।
जवाब देंहटाएंपढ़कर बहुत अच्छा लगा।
सबसे पहले तो जन्मदिन की ढेर सारी बधाई ...और यह रचना जिसके शब्द दिल की गहराईयों से निकले हैं भावमय कर गई ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंthanks
जवाब देंहटाएंbahut sunder
जवाब देंहटाएंmaata pita sabse acche hain .....
wo tumhare man ko samajhne waale hain
sahi kaho to bhagwaaan nahi hota hai ....
maata pita hi hote hain..
aur gar koi accha hitaishi mila jivan me to wo bhi us maat pita ka hi tumhe vardaan hai...........isliye tapasya karti jao...vardaan milega kabhi guru kabhi dost ke roop men........
lekhni ke liye sadar prashansha ........keep going with your writing:)
bahut achchi lagi .
जवाब देंहटाएंThanks Abhishek Bhaiya
जवाब देंहटाएंDhanyawaad Mridula ji
Bahut sundar
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