मंगलवार, 23 नवंबर 2010

पन्ने जीवन के

जीवन के बीते पन्नों को पलटो मत
उन बीते लम्हों में  उलझो मत 
उन लम्हों में है वही जो पूर्व घटित है 
उन पन्नों पर लिखी कहानी अमिट है 
नहीं जिन पन्नों पर तुम्हारा अधिकार 
उसकी चिंता करना है बेकार 
जो कुछ करना है वह आज करो 
वर्तमान जीवन में नए रंग भरो 
वर्तमान में लिखावट सुन्दर हो 
इन पन्नों की सजावट सुन्दर हो 
भविष्य सुनहरा हो जायेगा 
यह आज भी बीता कल हो जायेगा 
इस आज को जो गँवा दिया तुमने 
सपने बस रह जायेंगे सपने 
जीवन की किताब जो बंद हो जाएगी 
कौड़ी के भाव रद्दी में बिक जाएगी 
जीवन की ऐसी कहानी लिखो, की सुनहरा इतिहास बन जाए 
सब पढे उस कहानी को, और तू उनका नायक बन जाए 
                                             आलोकिता 

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