tag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post2429936452215618495..comments2023-09-06T16:42:00.388+05:30Comments on उद्गीत . . .: Alokita Guptahttp://www.blogger.com/profile/09633732245477861725noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-90920178587789403512011-01-31T22:30:59.194+05:302011-01-31T22:30:59.194+05:30अलोकिता जी
रचनात्मक दृष्टि से आपकी कविता मनोभावोका...अलोकिता जी<br />रचनात्मक दृष्टि से आपकी कविता मनोभावोका सुन्दर प्रस्तुतिकरण हैं बधाई पुनः इस स्विकिरोक्ति पर <br />तम की सघनता नेराश्य का परिचायक हैं और प्रकाश उस नैराश्य को विचारों के प्रवाह मैं बदल देता हैं विचार मष्तिष्क की उर्जा हैं और चलायमान मष्तिष्क मनुष्य की सोच को एक नई दिशा देता हैं उसे ही हम अंधकार से प्रकाश की तरफ आना कहते हैं ये सब कुछ तो मनुष्य के अन्दर ही निहित हैं तुमने स्वयं की क्षमता को विस्तृत किया होगा तभी कोई तुम्हे उस अंधकार से लौटा लाने मैं सहायक रहा होगा क्योंकि बिना चेतना के गुरुतर प्रयास भी सफल नहीं ही होते हैं <br />और तुम्हारा तो नाम ही आलोकिता हैं फिर तुम्हे आलोकित होने से कौन रोक सकता हैंहरीश भट्ट https://www.blogger.com/profile/08494903091515967137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-59717967905601550552011-01-20T18:41:05.434+05:302011-01-20T18:41:05.434+05:30गुरु को समर्पित यह कविता बहुत अच्छी लगी।गुरु को समर्पित यह कविता बहुत अच्छी लगी।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-11976104813561219062011-01-20T18:02:00.879+05:302011-01-20T18:02:00.879+05:30्तुम्हारी गुरुभक्ति को नमन्………।बहुत सुन्दर भाव हैं...्तुम्हारी गुरुभक्ति को नमन्………।बहुत सुन्दर भाव हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-48768018578098293162011-01-20T15:37:43.609+05:302011-01-20T15:37:43.609+05:30बहुत सुन्दर और भावपूर्ण..सच्चे गुरु वास्तव में ऐसे...बहुत सुन्दर और भावपूर्ण..सच्चे गुरु वास्तव में ऐसे ही होते हैं..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-76393640972353440592011-01-20T15:09:24.606+05:302011-01-20T15:09:24.606+05:30lovely... I am amazed...
sachmuch.. ek ek word am...lovely... I am amazed... <br />sachmuch.. ek ek word amazing laga.. :)<br />you rock sweetheart!Rashmi Swaroophttps://www.blogger.com/profile/14615276585404778659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-18009932182763769752011-01-20T11:48:36.274+05:302011-01-20T11:48:36.274+05:30वाह जी क्या बात है , बहुत ही उम्दा रचना लगी , गरु ...वाह जी क्या बात है , बहुत ही उम्दा रचना लगी , गरु जी को मेरा भी प्रणाम जिन्होनें आप जैसे हीरे को तराशा ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-80590038581989050362011-01-20T08:46:21.186+05:302011-01-20T08:46:21.186+05:30सच्चा गुरु ऐसा ही है !
बहुत सशक्त अभिव्यक्ति
शुभका...सच्चा गुरु ऐसा ही है !<br />बहुत सशक्त अभिव्यक्ति<br />शुभकामनाएंसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-84192003853159786552011-01-20T02:30:02.022+05:302011-01-20T02:30:02.022+05:30नाईस!!नाईस!!राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6679787065932083783.post-71268231606722820662011-01-19T21:25:32.763+05:302011-01-19T21:25:32.763+05:30गुरु वंदना तो ईश वंदना ही है ..
मूकं करोति वाचालं ...गुरु वंदना तो ईश वंदना ही है ..<br />मूकं करोति वाचालं पंगु लंघयते गिरिम ..<br />गूगे को वाचाल बना दे और लंगड़े को पहाड़ पर चढ़ा दे<br />सच्चा गुरु ऐसा ही है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com