शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

नज़रिये

हर सिक्के के दो पहलू , तुम्हे कौन सा भाता है ?
सब अच्छा या बुरा तुम्हे सोच किधर ले जाता है ?
रात है एक गहरा अँधेरा या रात क बाद नया सवेरा ?
सूर्य गर्मी से तड़पाता  या हमे ऊर्जा पहुँचाता है ?
मेघ बरस कर स्वत्व मिटाते या नया जीवन पाते हैं?
सागर का पानी खारा है या वह सबको शरण देने वाला है ?
तरबूज बीजों से भरा या कि बड़ा हीं रसीला है?
पादप न चल सकते  या जीवन भर बढते रहते हैं ?
सूरज से रौशनी लेता चाँद या तुम्हे चांदनी देता है ?
चाँद में है दाग या सुन्दरता का प्रतीक वह होता है ?
फूल खिलते हैं मुरझाने को या मधुर सुगंध फ़ैलाने को ?
चिराग तले अँधेरा है या वह रौशनी फैलाता है ?
सुई वस्त्र में छेद करता या धागे के लिए राह बानाता है ?
अग्नि सबको जलाती  या भोजन वही पकाती है ?
पर्वत राहों को रोका करते या ऊपर चढ़ने का मौका देते हैं ?
मोती बेचारा कैद रहता या सीप उसकी रक्षा करता है ?
कुत्ते लालची होते या वे वफादारी निभाते हैं?  
मधुरता से पक्षी चहचहाते या व्यर्थ शोर मचाते हैं ?
शिक्षक ने तुम्हे मारा या गलतियों को सुधारा है ?
मुश्किल राहें डराती या साहस तुम्हारा बढ़ातीं हैं ?
सबसे कुछ सीखा करते हो या कमियाँ ढूंढा करते हो ?
जन्में तुम मरने के लिए या सुकर्म निरंतर करने के लिए ?
सोच कर देखो तुम्हे सोच किधर ले जाते हैं ?
नज़रिये के बदलने से नज़ारे भी बदल जाते हैं |
गलत सोच सदा परिणाम गलत हीं लाते हैं |
सही सोच मंजिल का पता हमे दे जाते हैं |

7 टिप्‍पणियां:

  1. sabse zyada ye prerak bhi hai
    sab log apne soch ,mansikta ko badalen aur unnati ki or jayen......

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  2. आलोकिता जी , बहुत ही सुंदर प्रस्तुति . सही कहा आपने नजरिया बहुत मायने रखता है किसी भी चीज को परखने के लिए...

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  3. सृजन - शिखर ( www.srijanshikhar.blogspot.com )पर आपका स्वागत है ... ( राजीव दीक्षित जी का जाना )

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  4. न बुरा हुआ न बढ़िया हुआ,
    हुआ वही, जो नजरिया हुआ ;)

    सार्थक सोच, विचार बहुत नेक है, दिशा भी सही है, अभिव्यक्ति में थोडा कसाव और आएगा, वो खुद ब खुद हो जाएगा, जारी रखिये, ...

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  5. आलोकिता जी ,
    ...... नजरिया बहुत मायने रखता है

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