शुक्रवार, 19 नवंबर 2010

अजन्मी बेटी

19 नवम्बर यानि आज का दिन हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है | आज के दिन हमारे देश में एक बेटी ने जन्म लिया था एक ऐसी बेटी ने जिसने सिर्फ अपने माँ बाप का हीं नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया | जी हाँ आज चाचा नेहरु की प्यारी इंदु और हमारे देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की जयंती है | बहुत बुरा लगता है कि जिस देश में इतनी महान बेटी  ने जन्म लिया हो उस देश में आज भी कन्या भ्रूण हत्या जैसे घृणित पाप को अंजाम दिया जाता है |गर्भपात के दौरान मारी जाने वाली बच्चियों कि जगह खुद को रखकर कल्पना कीजिये तो रूह तक कांप उठेगी | कैसा लगता होगा उन्हें ? क्या सोचती होंगी वे ?शायद वे भी कुछकहना चाहती होंगी अपनी माँ से ,अपने परिवार वालों से .......................................

अजन्मी बेटी  
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सुनो मुझे कुछ कहना है 
हाँ तुमसे हीं तो कहना है 
क्या कहकर तुम्हे संबोधित करूँ मैं ?
मैं कौन हूँ कैसे कहूँ मैं ?
एक अनसुनी आवाज़ हूँ मैं 
एक अन्जाना एहसास हूँ मैं 
एक अनकही व्यथा हूँ मैं 
हृदय विदारक कथा हूँ मैं 
एक अजन्मी लड़की हूँ मैं 
मैं हूँ एक अजन्मी लड़की 
हाँ वही लड़की जिसे तुम जीवन दे न सकी 
हाँ वही मलिन बोझ जिसे तुम ढो न सकी 
अगर इस दुनिया में मैं आती, तुम्हारी बेटी कहलाती 
कहकर प्यार से माँ तुम्हे गले लगाती 
माँ तुम्हे कंहूँ तो कैसे ? जन्म तुमने दिया ही नहीं 
बेटी खुद को कहूँ तो कैसे ?जन्म तुमने दिया ही नहीं 
तुम सब ने मिलकर निर्दयता से मुझे मार डाला 
मेरे नन्हे जिस्म को चिथड़े चिथड़े, बोटी बोटी कर डाला 
सिर्फ लड़की होने की सजा मिली मुझको 
फाँसी से भी दर्दनाक मौत मिली मुझको 
सोचो क्या इस सजा की हकदार थी मैं ?
 कहो तो क्या इतनी बड़ी गुनाहगार थी मैं ?
इंदिरा गाँधी, किरण बेदी मैं भी तो बन सकती थी 
नाम तुम्हारा जग में रौशन मैं भी कर सकती थी 
दलित, प्रताड़ित अबला नहीं सबला का रूप धर सकती थी 
तुम्हारे सारे दुःख संताप मैं भी तो हर सकती थी 
तुम्हारी तमनाएँ आशाएं सब को पूरा कर सकती थी 
न कर सकती तो बस इतना बेटा नहीं बन सकती थी 
बेटे से इतना प्यार तो बेटी से इतनी घृणा क्यूँ ?
दोनों तुम्हारे हीं अंश फिर फर्क उनमे इतना क्यूँ ?
काश ! तुम मुझे समझ पाती 
प्यार से बेटी कह पाती 
काश ! मैं जन्म ले पाती 
जीवन का बोझ नहीं प्यारी बेटी बन पाती 






                                                                                                

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